मधुकर
रस न दीखै रसनालय में,
रस न दीखै रचनालय में,
रे मन! तू दीखै भस्मालय में।
मधुकर न लगा रास में,
मधुकर न लगा बस में,
तो समझो मधु कर न लगा उसके।
मधु की धारा मधुकर,
मधु न धारा मधुकर,
क्या कर डारा मधुकर।
जा मधुकर,
पा मधु कर,
मधु को कर दे शर्कर।
-परमानन्द
रस न दीखै रचनालय में,
रे मन! तू दीखै भस्मालय में।
मधुकर न लगा रास में,
मधुकर न लगा बस में,
तो समझो मधु कर न लगा उसके।
मधु की धारा मधुकर,
मधु न धारा मधुकर,
क्या कर डारा मधुकर।
जा मधुकर,
पा मधु कर,
मधु को कर दे शर्कर।
-परमानन्द
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