बेलापुर वाली
"नई बहु जा कैसी आई, हरपरसाद की घरवाली।
आड़ करे न मरजादा, मौ काढ़े बेलापुर वाली।
आदी राते हरपरसाद खावै, पैला खा ले बेलापुर वाली।
खात में सबरी रोटी छू लई, बड़ी असद्दन बेलापुर वाली।
गोबर करे से हाथ बसावै, रगड़ धोये बेलापुर वाली।
सेम्पुअन से केस धुव रये, बड़ी बनत बेलापुर वाली।
जेठ ससुर से सूदी बोलत, का है करैयाँ बेलापुर वाली।
बउएं बिलुर गईं पढ़ लिख कें. सो बिगरी बेलापुर वाली।"
- बउअन पे जो इतने बंधन, का करे बेलापुर वाली।
को 'परमा' बरबाद हो रओ, जो समाज या बेलापुर वाली।
-परमानंद
नई = नई (नया), नईं = नहीं, जा = यह, मौ = मुंह, असद्दन = अशुद्ध, बिलुर/बिगर = बिगड़, बउएं/बउअन = बहुएँ/ बहुओं,
आड़ करे न मरजादा, मौ काढ़े बेलापुर वाली।
आदी राते हरपरसाद खावै, पैला खा ले बेलापुर वाली।
खात में सबरी रोटी छू लई, बड़ी असद्दन बेलापुर वाली।
गोबर करे से हाथ बसावै, रगड़ धोये बेलापुर वाली।
सेम्पुअन से केस धुव रये, बड़ी बनत बेलापुर वाली।
जेठ ससुर से सूदी बोलत, का है करैयाँ बेलापुर वाली।
बउएं बिलुर गईं पढ़ लिख कें. सो बिगरी बेलापुर वाली।"
- बउअन पे जो इतने बंधन, का करे बेलापुर वाली।
को 'परमा' बरबाद हो रओ, जो समाज या बेलापुर वाली।
-परमानंद
नई = नई (नया), नईं = नहीं, जा = यह, मौ = मुंह, असद्दन = अशुद्ध, बिलुर/बिगर = बिगड़, बउएं/बउअन = बहुएँ/ बहुओं,
Comments
Post a Comment