मम्मा तुम न समझौ

कैसी लबरी शान, मम्मा तुम न समझौ।
जनता दे रइ प्रान, मम्मा तुम न समझौ।
चौरे चकरे गोला डर गए
नइयाँ गाड़ी-वान, मम्मा तुम न समझौ।
सूका परौ बितर दये पइसा
कक्कू खा गए पान, मम्मा तुम न समझौ।
डेओडी-डेओडी पानी मांगत
औंदे डरे किसान, मम्मा तुम न समझौ।
आरच्छन की न्याव मचा लई
दूषित छुओ पिसान, मम्मा तुम न समझौ।

Comments