कुछ लिखना जरूरी है

आज कुछ लिखना जरूरी है
तपन में सिकना जरूरी है၊
दीदार का उतना महत है
तेरा होना जितना जरूरी है।
पलक के बांध से रोका हुआ जो 
वह पानी रिसना जरूरी है၊
प्रेम होना ही नहीं पर्याप्त बाबू
प्रेम का दिखना जरूरी है၊
आज इस बाजार में परमा
बस तेरा बिकना जरूरी है၊

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