अवकाशकाल अब ख़त्म हुआ

आज है वापस जाना मुझको, अवकाशकाल अब ख़त्म हुआ |
आकर के मिलने का वह सुख. मानो करुणा में भस्म हुआ |
इस दिल ने निज मातृ-भूमि को, कुछ इस तरह विदा दी |
आँखो के मोती की माला, माँ के चरणों मे गिरा दी|

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