गाँव की याद
गाँव, खेत, कुआँ, धूल,
चांदनी भैंस, लम्बू बेरी,
झबरा कुत्ता, अनाज के डंठल,
बरगद का पेड़, अमियाँ की चटनी,
कैंथा का अचार, चिल्ला की चिल्ली,
पलाश के चिया, खजरी का गावो,
ऊमर की पंखी, जवन की गुड़ी,
चुनी की रोटी, बैगन का भरता,
इमली के चेउआ, जंगल-जलेबी,
बेर का बिरचुन, आलू की बरी,
बच्चों की चिल-पों, बड़ों की चौपाल,
माँ, पिताजी, भाई, बहन, दोस्त,
सब जैसे बुलाते हैं हर रोज़।
सोचता हूँ -
"क्या गोकुल ने कृष्ण को नहीं बुलाया होगा?"
फिर मन मार के बैठ जाता हूँ...
चांदनी भैंस, लम्बू बेरी,
झबरा कुत्ता, अनाज के डंठल,
बरगद का पेड़, अमियाँ की चटनी,
कैंथा का अचार, चिल्ला की चिल्ली,
पलाश के चिया, खजरी का गावो,
ऊमर की पंखी, जवन की गुड़ी,
चुनी की रोटी, बैगन का भरता,
इमली के चेउआ, जंगल-जलेबी,
बेर का बिरचुन, आलू की बरी,
बच्चों की चिल-पों, बड़ों की चौपाल,
माँ, पिताजी, भाई, बहन, दोस्त,
सब जैसे बुलाते हैं हर रोज़।
सोचता हूँ -
"क्या गोकुल ने कृष्ण को नहीं बुलाया होगा?"
फिर मन मार के बैठ जाता हूँ...
Jai parmendra!!!👌
ReplyDelete_/\_
Deletebehtareen bhaii
ReplyDeletedhanyawad anil
Deletenice
ReplyDeleteKaran yani ki Maine saari kavitaye pad li 10 -10 baar
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