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नव-वर्ष

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के प्रथम दिवस पर लगभग ..1 अरब, 96 करोड़... वर्ष (1 अरब, 95 करोड़, 58 लाख, 85 हजार, 125 ) पहले इसी दिन के सूर्योदय से ब्रह्माजी ने सृष्टि की शुरुआत का दिन तय किया, इसलिए इसे प्रतिपदा कहा गया अर्थात प्रथम पग या पद ... पहली तिथि । यह गणना भारतीय ज्योतिष-विज्ञान के द्वारा निर्मित है। आधुनिक वैज्ञानिक भी अब सृष्टि की उत्पत्ति का समय एक अरब वर्ष से अधिक बता रहे है। इस दिन आदि-शक्ति के आदेश पर ब्रह्मा जी ने सूर्योदय होने पर सबसे पहले चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को  सृष्टि की संरचना शुरू की। इसलिए इसको सृष्टि का प्रथम दिवस भी कहते हैं। इस दिन को 'नव संवत्सर' या 'नव संवत' के नाम से भी जाना जाता है| सूर्य को वत्स कहा गया है ..आदित्य ..आदि-शक्ति, आदि-प्रकृति अदिति का वत्स; प्रथम आदित्य ...प्रथम सूर्योदय से ही नव वर्ष प्रारम्भ माना गया जो चक्रीय व्यवस्था से प्रतिवर्ष उसी प्रकार नववर्ष का प्रारम्भ करेगा ...अतः संवत्सर कहा गया... चैत्रे मासि जगत्‌ ब्रह्म ससर्ज प्रथमे हनि शुक्ल पक्षे समग्रे तु तदा सूर्योदये सति॥ चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा को गुड़ी पड़वा या वर्ष ...